पटना सिटी धड़ल्ले से हो रहा सरकारी जमीन पर कब्जा लोगों में पनप रहा आक्रोश

पटना सिटी में धड़ल्ले से बेची जा रही गैर मजरूआ जमीन भूमाफिया हो रहा मालामाल सुत्रों के हवाले से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन को कब्जा कर भू माफिया धरले से बिक्री कर रहे हैं और मालामाल हो रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश पनप रहा है वही भूमाफियाओं के बढ़ते कुनबे को देखते हुए गैर मजरूआ आम भूखंड बचाओ संघर्ष मोर्चा ने बताया है कि भू माफिया नदी नाले की जमीन को भी भरवा कर बेच रहे हैं सूत्रों के हवाले से यह भी खबर मिली है की चार दिन पूर्व ही प्रताप पुर में नाले के बगल रहे सरकारी जमीन खाता नंबर 627 प्लॉट नंबर 2146 को भरवा कर कब्जा किया गया है 
इसके विरोध में स्थानीय लोग बवाल मचाया था जो तस्वीर सामने आई है जिसमें साफ दिख रहा है की नाले के बगल का जमीन को ताजा भरकर उस पर झोपड़ी डाला गया है स्थानीय लोगों कि माने तो जिस जमीन को भरकर झोपड़ी डाला गया है वह गैरमजरूआ है यह तो जांच का बिषय है जांच के बाद ही पता चलेगा कि जमीन का असली मालिक कौन है लोगों का कहना है की भू माफिया इसी तरह पहले जमीन पर मिट्टी भरवा कर कब्जा करते हैं और फिर इसे बेच देते हैं कस्वा करीमाबाद में कई एकड़ सरकारी जमीन को भू माफिया कब्जा कर बेच दिए हैं जिस पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनकर खड़ी है सुत्र ये भी बता रहे हैं कि जीस जीस व्यक्ति ने जमीन खरीदी है उनका मोटेसन आज तक नहीं हो रहा है रसीद नहीं काटे जा रहे हैं हालांकि हाल ही में कुछ ही मांह पुर्व भूमाफियाओं की षड्यंत्र ने सरकारी स्कूल को तोड़ने का फरमान जारी करवा दिया था जिसके कारण जमकर बवाल हुई थी गैर मजरूआ आम भुखण्ड बचाओ संघर्ष मोर्चा द्वारा धरणा प्रदर्शन किया गया था लोग आक्रोशित हो गए थे स्कूल भवन को तुड़वाने आए अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा था लेकिन फिर भी पटना सिटी इलाके में गैर मजरूआ जमीन कब्जा करने का सिलसिला नहीं थम रहा है गौरतलब हो की राजधानी पटना में भूमाफियाओं द्वारा जमीन कब्जा करने का सिलसिला पुराना है सिटी में सरकारी जमीन को भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं यह कोई नई बात नहीं है स्थानीय लोगों का कहना है सरकारी जमीन भू माफिया कब्जा कर रहा है और बेचकर मालामाल हो रहा है इस बात से नीचे से ऊपर तक के आला अधिकारी वाकिफ है लेकिन फिर भी गैर मजरूआ जमीन को कब्जा कर भूमाफिया धड्डले से बेचते जा रहे है और इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है

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